“जितना खुद को जानेंगे, उतना आप धैर्य़वान बनेंगे”
खुद को जानना, स्वंय को ठीक करने का महत्वपूर्ण पहलू है। आप किसी खतरे को कैसे avoid कर सकते है यदि आप बिना किसी clear sense के जी रहे है आप को यह ही नही मालूम कब stand लेना है और कब आप को धैर्य़ रखना है।
आप उस डॉक्टर के दुख के बारे में सोचिये जो सिर्फ इसलिये डॉक्टर है कि उसके parents ने निर्णय लिया कि वह हमारे परिवार का पहला डॉक्टर बनेगा या उस व्यक्ति के बारे में जो date नही करना चाहता सिर्फ इसलिये की उसकी मम्मी नाराज होगी।
“कहते है कि अगर आपको यह नही मालूम कि कौन सा रास्ता कहां जाता है तो हर रास्ता सही है।”
और इससे भी अच्छा अगर हम निर्णय नही लेते है तो हम किसी के भी साथ हो लेते है। कहने का मतलब है कि यदि हम अपने सपनों को, उम्मीदों को या प्रेरणा को नही समझेंगे तो दूसरो को हमारे लिये निर्णय लेने देना आसान बन जाता है, और जीवन भर पछताना पड़ता है। एक गलती के साथ जीना खास तौर पर तब जब उसके परिणाम हमें रोज सहने पड़ते है सबसे कठिन चीज होती है। और यही कारण है कि लोग दुखी और unkind हो जाते है। ये तरीका नही है जो मैं चाहता हूं कि आप जियें।
जब हम खुद को वक्त देंगे तो जानेंगे कि वास्तव में हम क्या है और हम अपनी व्यक्तित्व को निखारते है , यह ही वह रास्ता है जिससे कि हम अपनी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल कर पायेंगे।और आप तक बेस्ट नही बन सकते जब तक आप नही जानते कि आप के अन्दर क्या छिपा है। जब आप खुद को समझेंगे तो इस बात की पूरी सम्भावना है कि आप वो करियर चुनेंगे जिसे आप पसंद करते है। और आप करियर में पूरे पैशन से काम करेंगे।